उत्तरकाशी की सविता कंसवाल ने माउंट एवरेस्ट किया फतेह

इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन (आइएमएफ) के माउंट एवरेस्ट मैसिव एक्सपिडीशन के लिए चुने गए 12 पर्वतारोहियों में से एक उत्तरकाशी जिले के लौंथरू गांव की सविता कंसवाल ने भी अपना मिशन पूरा कर लिया है। सविता के चार सदस्यीय दल को दुनिया चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से फतह करनी थी, जो उन्होंने कल कर दिखाया। इस चोटी की समुद्र तल से उचाएँ 8516 मीटर है। सविता के ही साथ कासनी गांव के मनीष की भी ट्रेनिंग हुई थी । मनीष का चयन एवरेस्ट के लिए हुआ था जो उसने तीन दिन पहले कर दिखाया। सविता का सपना भी अब 8849 मीटर ऊंचा एवरेस्ट फतह करना ही है।

हौसला अगर पहाड़ से भी ऊंचा तो विपरीत परिस्थितियां भी आखिरकार घुटने टेक ही देती है। इसी की मिसाल हैं लौंथरू गांव के एक साधारण परिवार में जन्मी सविता कंसवाल।

यह अभियान अप्रैल 2020 में होना था, लेकिन कोविड-19 के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। प्री एवरेस्ट अभियान के तहत सविता त्रिशूल समेत देशभर की पांच चोटियों का सफल आरोहण कर चुकी हैं।
24 वर्षीय सविता कंसवाल का बचपन कठिनाइयों में गुजरा। पिता राधेश्याम कंसवाल और मां कमलेश्वरी देवी ने किसी तरह चार बेटियों का पालन-पोषण किया। चार बहनों में सविता सबसे छोटी है। वर्ष 2011 में इंटर कॉलेज मनेरी से सविता का चयन दस दिवसीय एडवेंचर कोर्स के लिए हुआ। इस दौरान जब सविता ने भारत की प्रथम एवरेस्ट विजेता बछेंद्री पाल, वरिष्ठ पर्वतारोही चंद्रप्रभा ऐतवाल समेत कई पर्वतारोही महिलाओं के नाम सुने तो आंखों में सपने तैर गए। तय किया अब तो एवरेस्ट ही मंजिल है। सविता अभी उत्तरकाशी के नेहरु इंस्टिट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग में प्रशिक्षक हैं।

About Author

client-photo-1
admin

Comments

Leave a Reply